Daaru Desi
Pritam
4:30दिल कभी गंदा कभी है नेक बंदा दिल का भरोसा कैसे कोई करे दिल कभी ठंडा, कभी है atom bomb सा ये धमाका कैसे कोई सहे दिल की यही ख़ता है, दिल को नही पता है दिल की यही ख़ता है, दिल को नही पता है की दिल चाहता है क्या नज़रें मिलना, नज़रें चुराना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना नज़रें मिलना, नज़रें चुराना (ओ ओ) कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना (ओ ओ) हेई ये हो हो हेई ये हो हो (हो हो) हेई ये हो हो हेई ये हो हो (हो हो) नियत तो दिल की हमेशा ही सही थी दिल का इरादा भी समझो नेक था फ़ितरत आवारा तो क्या करे बेचारा उसका हो जाए दिल जिसको देखता दिन में तो दिल सताए, रातों में दिल जगाए दिन में तो दिल सताए, रातों में दिल जगाए अरे चाहता है क्या (अरे चाहता है क्या) नज़रें मिलना, नज़रें चुराना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना नज़रें मिलना, नज़रें चुराना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना, आँखों में कोई है बसा (आँखों में कोई है बसा) जाने क्यू लगे ये दिल खाली (जाने क्यू लगे ये दिल खाली) जान लो क्यू ये दिल बजा रहा एक हाथ से ताली होठों से जाने क्या कहा, फिर भी दिल की बातें है दिल में ये रहा तेरा हमसफ़र, किसको ढूँढे दिल की महफ़िल मे जान है फ़ससी, कैसे ना हस्सी (जान है फ़ससी, कैसे ना हस्सी) आए हाल दिल पे है (आए हाल दिल पे) नज़रें मिलना, नज़रें चुराना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना नज़रें मिलना, नज़रें चुराना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना