Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho Arth - Live

Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho Arth - Live

Jagjit Singh

Длительность: 5:16
Год: 1981
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Текст песни

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या घाम है जिसको  रहे हो
क्या घाम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

आँखों में नामी हँसी लबों पर
आँखों में नामी हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो

बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
यह अश्क जो पीते जा रहे हो
यह अश्क जो पीते जा रहे हो

जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो
रेखाओं से मात खा रहे हो
क्या गुम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गुम है जिसको छुपा रहे हो